डीयू के कार्यवाहक कुलपति प्रो. पीसी जोशी, दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. सुमन कुण्डू एवं डीन ऑफ कॉलेजेज डॉ. बलराम पाणि ने गुरुवार को डीयू के दक्षिणी परिसर के महाविद्यालयों जीसस एंड मेरी एवं मैत्रेयी का दौरा किया। मैत्रेयी महाविद्यालय स्टॉफ से मुखातिब होते हुए प्रो. जोशी ने सभी को मकर संक्रान्ति की शुभकामना दी साथ ही अभी हाल ही में डीयू एवं इण्डियन कौंसिल ऑफ कल्चरल रिलेशंस (आईसीएसएसआर) के बीच हुए करार का जिक्र किया जिसके तहत विदेशी छात्र स्कॉलर्शिप प्राप्त करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्ययन कर सकेंगे। प्रो. जोशी ने मैत्रेयी महाविद्यालय की वर्तमान प्रगति पर खुशी जाहिर की तथा महाविद्यालय में छात्राओं के लिए बनकर तैयार हुए छात्रावास के लिए बधाई दी और कहा कि दक्षिणी परिसर के महाविद्यालयों में छात्रावास बनना निःसन्देह एक अति महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है, जो प्रत्येक महाविद्यालय में होना चाहिए। उन्होंने लम्बे समय से दिल्ली विश्वविद्यालय में अति विलम्बित प्रमोशन की प्रक्रिया को द्रुत गति से पूरा करने के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता भी जताई।
इस अवसर पर दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. सुमन कुण्डू ने मैत्रेयी महाविद्यालय की एनआईआरएफ रैंकिंग में अभूतपूर्व सुधार की सराहना की तथा आगे अग्रणी दस संस्थानों में शामिल होने की शुभकामना भी दी। डीन ऑफ कॉलेजेज डॉ. बलराम पाणि ने कहा कि हम सब डीयू में अच्छे कार्यों की प्रक्रिया को आगे भी निरन्तरता के साथ जारी रखेंगे। मैत्रेयी महाविद्यालय की प्रचार्या डॉ. हरित्मा चोपड़ा ने महाविद्यालय की विषिष्ट उपलब्धियों का जिक्र किया और बताया कि कोरोना काल में भी महाविद्यालय की शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ अबाध रूप से चलती रहीं। इस दौरान अध्ययन-अध्यापन एवं लेखन के साथ महाविद्यालय ने छात्रसंघ का चुनाव भी अपने नियत समय में ऑनलाईन माध्यम से कराए। उन्होंने सबको समान अवसर प्रदान करने हेतु मैत्रेयी के दृढ़ संकल्प को बताते हुए दिव्यांग जनों हेतु बने सिन्थेटिक बॉस्केटबाल ग्राउंड का भी उल्लेख किया। मैत्रेयी शिक्षक संघ के पदाधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने महाविद्यालय में दिसम्बर महीने में अपने पदोन्नति प्राप्त साथियों की ओर से दिल्ली विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. पीसी जोशी एवं उनकी पूरी प्रशासनिक टीम के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया और इसे ऐसे ही ज़ारी रखने की गुज़ारिश भी की। गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया कई सालों से लम्बित थी, जिसे प्रो. जोशी एवं इनकी टीम ने तत्काल प्रभाव से शुरू किया है। प्रमोशन की जटिलताओं को समाप्त करते हुए वर्तमान डीयू प्रशासन ने इसे सरल एवं सहज बनाया है, जिससे डीयू के प्रायः सभी विभागों एवं सभी महाविद्यालयों के शिक्षकों के प्रमोशन तेजी से हो रहे हैं। यहाँ यह भी बताते चलें कि वीसी के महाविद्यालय विजिट के दौरान सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करते हुए लाईब्रेरियन समेत अनेक शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारी भी मौजूद रहे।