कोरोना वायरस के परिप्रेक्ष्य में जैन धर्म एवं वैश्विक शांति

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कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी है। लोग इससे बचने के लिए कई उपाय भी कर रहे हैं। लेकिन जैन धर्म के जियो और जीने दो के सिद्धांत को अपनाने से कोरोना जैसी महामारी से बचा जा सकता है। यह प्रवचन गुरुवार को चैत्यालय जैन मंदिर में जैन संत गणाचार्य विराग सागर ने दिए। गणाचार्य ने कहा कि जैन धर्म का जियो और जीने दो का सिद्धांत अहिंसा है और अहिंसा ही धर्म है। जीना तुम्हारा अधिकार है, तो जगत के प्राणियों को जीने देना तुम्हारा कर्तव्य है। अगर हम संक्रमण से बचेंगे तो दूसरे प्राणी भी इससे बचेंगे। एक के कारण अगर कोई दूसरा इस बीमारी का शिकार होता है तो यह फिर अहिंसा धर्म का पालन नहीं हुआ।  गणाचार्य ने कहा कि संक्रमण से बचने के लिए सरकार द्वारा बताए गए नियमों का पालन जरूर करें और घर पर सुरक्षित रहें।

लॉकडाउन में प्रेरणा देने वाले धार्मिक साहित्य पढ़े

गणाचार्य ने कहा कि कोरोना के संक्रमण को कम करने के लिए शासन ने लॉकडाउन लगा रहा है। ऐसे समय में लोग घर में रहते हुए धार्मिक और अच्छी पुस्तकों का अध्ययन करने के साथ कुछ अच्छा लिखें भी। इस दौरान आपको प्रेरणा देने वाले धार्मिक साहित्य पढ़ना चाहिए।  ऐसा करने से जहां समय अच्छे से बीतेगा साथ ही आप लोग भी नई-नई बातों का ज्ञान होगा। इसके अलावा धर्म के प्रति लोगों की आस्था भी बढ़ेगी।

Mike Phillips


2 comments

  • Stoffel Jansen

    March 15, 2017 at 10:48 am

    I thought that US police should be having a better cars than these…

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  • Kenny Perry

    March 15, 2017 at 11:30 am

    You should see the ones in Europe!!!

    Reply

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